550+ Latest Rishte Matlabi Shayari 2023 [New]
स्वागत है आज आपका हमारे इस ब्लॉग में। आज हम आपके लिए लेकर आए हैं एक बेहद ही खास शायरी collection “rishte matlabi shayari”।
दोस्तों आज कल के लोग बहुत मतलबी हो चुके हैं। ऐसे बोहत ही कम लोग बचे हैं जो अपना मतलब नहीं देखते।
आपको भी अपने पास ऐसे बहुत से लोग मिल जाएंगे जो हर वक्त अपना ही मतलब देखते हैं। खासकर हमारे रिश्तेदार।
आजकल के रिश्ते इतने मतलबी हो चुके हैं कि वो हर बात में बस अपना ही मतलब देखते हैं। बात तब बिगड़ जाती है जब वो खुद इस बात को मानने से इनकार कर देते हैं।
क्योंकि कोई खुद को मतलाबी नहीं दिखाना चाहता, हलंकी वो अंदर से कितना मतलबी है उस को खुद भी पता नहीं होता। तो ऐसे ही लोगों और दोस्तों को बताने के लिए कि तुम कितने मतलबी हो हम लेकर आए हैं rishte matlabi shayari”।
इन शायरियों को आप उनके साथ शेयर करके आप उन्हें बता सकते हैं कि वो कितने मतलबी हैं। आप उनको बता सकते हैं कि हर बार अपना ही मतलब नहीं देखना चाहिए । तो आए दोस्तों शुरू करते हैं आज का ये शायरी ब्लॉग।…

कुछ यूँ हुआ कि जब भी
जरुरत पड़ी मुझे हर शख्स मिला
पर जो भी मिला अपने मतलब से मिला

नाजुक सी होती है डोर सच्चे रिश्तो की
लेकिन यह जरा सी मतलब की धार में भी
कट जाते है कभी कभी

जिस पर भरोसा होता है जब वहीं धोखा देता है
तो पूरी दुनिया मतलबी लगने लगती है

मतलब होने तक शहद
और वैसे जहर समझते हैं लोग
Rishte Matlabi Shayari 2023

तुमने आज दिखाया है मतलब हमको
तुम्हे कल हम भी दिखायेंगे
आज तुमने झूठा साबित किया है हमको
कल हम तुमको भी झूठा साबित करके दिखायेंगे

मतलबी रिश्तो की
बस इतनी सी कहानी है
अच्छे वक़्त में मेरी खूबियां और
बुरे वक़्त में मेरी कमियां गिननी है

कहते है की मतलब तो
इंसान के चेहरे पर
साफ दिख जाता है
लेकिन हम तो बस
सभी पर भरोसा करने की
गलती कर बैठते है
जो थोड़ी फुरसत मिले
दिल की बात कह दीजिये
बहुत खामोश रिश्ते
ज्यादा दिनों तक ज़िंदा नहीं रहते
मतलब बड़े भारी होते हैं
निकलते ही रिश्तों का
वज़न कम कर देते हैं
कोई नहीं किसी का यहाँ
सबको फायदे की लगी बीमारी है
लालच से चल रही ये दुनिया
सब मतलब की रिश्तेदारी है
इस दुनिया ने सिर्फ हमें मतलब के
लिए ही आज़माया है
मतलब निकल जाने के बाद
हमें अजनबी बनकर ठुकराया है
Log Bahut Matlabi Hote Hai

रिश्तों में कभी कभी हाथ छूङाने की
ज़रूरत नहीं पङती
लोग साथ रह कर भी बिछङ जाते हैं
मतलबी लोग भी ना जाने कैसे
अपना मतलब निकल लेते है
अक्सर अपने मतलब के लिए ये
खून के रिश्ते भी भुला देते है
न परेशानियां न हालात
न ही कोई रोग है
जिन्होंने हमें सताया है
वो और कोई नहीं
अपने ही लोग हैं
कुछ रिश्तों में शक्कर की कमी थी
कुछ अंदर से हम भी कङवे थे
मतलबी दुनिया के झूठे फ़साने हे
लोग भी मक्कार और मतलबी ज़माने हे
पीड़ा ही मिलती कदम कदम यहाँ
जहाँ देखों भीड़ ही है मगर सब बेगाने हे
ये झूठ है की इश्क में दिल टूट जाते हैं
लोग खुद टूट जाते हैं इश्क करते करते
रिश्ते की सिलाई
अगर भावना से हुई है
तो टूटना मुश्किल है
और अगर स्वार्थ से हुई है
तो टिकना मुश्किल है
मतलबी लोगो की मीठी बातें ओह ये तो सिर्फ
एक दिखावा है चाहे आप भी उन्हें आजमालो
आपको भी धोखा मिलेगा ये मेरा दावा है
हम तो अकेले ही चलना
पसंद करते है साहब इन रास्तो पर
लेकिन न जाने मतलबी लोग
क्यों हमारी बाहे थाम लेते है
Sabke Sab Matlabi Hote Hein

भुला देंगे तुम्हे भी
जरा सब्र तो कीजिए
आपकी तरह मतलबी होने में
जरा वक्त लगेगा

हम नही है गुनाहगार
हमारी फितरत के
बल्कि मतलबी लोग गुनाहगार है
खुद की मतलबी नियत के
मतलबी दुनिया में लोग खड़े हैं
हातो में पत्थर लेकर
मैं कहां तक भागू
शीशे का मुकद्दर लेकर
कुछ मतलबी लोग ना आते
तो जिंदगी इतनी बुरी भी ना थी
गुलाम तो हम किसी के
न कल थे और न आज है
बस मतलबी लोग और उनके
रिश्ते ही हमें जकड़े हुए है
जब कोई इंसान नज़र अंदाज़ करना शुरू कर दे
तो समझ लेना उसकी ज़रूरतें पूरी होगी है
पक्के रिश्ते तो बचपन में बनते थे
अब तो लोग बात भी मतलब से करते है
गुरुर तो वो रखते है
जो मतलब के साथ जीते है
अरे हम तो परायो पर भी
मर मिटते है
कभी-कभी रिश्तों की कीमत वो लोग समझा
देते हैं जिनसे हमारा कोई रिश्ता नहीं होता
बस यादें ही है जो बेवजह साथ देती है
इंसान तो सब मतलबी होते है
इंसानियत के नाते तो
हमने तुझपर भरोसा किया
लेकिन तूने उसी घाव पर
मतलब का छुरा घोप दिया
उन मतलबी लोगो की तरह
ना बन जिनको अपने
लिए सबको अपना अपना
कहना पड़ता है
मतलबी यारो का इतना सा फ़साना है
तू यार अपना एक काम निकलवाना है
न कभी घमंड किया है खुदपर
और न कभी करेंगे
अरे हम तो बिना मतलब के जिए है
और बिना मतलब के ही मरेंगे
Duniya Shayari
मतलब होने तक शहद
और वैसे जहर समझते हैं लोग
तुमने आज दिखाया है मतलब हमको
तुम्हे कल हम भी दिखायेंगे
आज तुमने झूठा साबित किया है हमको
कल हम तुमको भी झूठा साबित करके दिखायेंगे
मुखौटे बचपन में देखे थे
मेले में टंगे हुए समझ बढ़ी तो
देखा लोगों पे है चढ़े हुऐ
नाजुक सी होती है डोर सच्चे रिश्तो की
लेकिन यह जरा सी मतलब की धार में भी
कट जाते है कभी कभी
जिस पर भरोसा होता है जब वहीं धोखा देता है
तो पूरी दुनिया मतलबी लगने लगती है
कुछ यूँ हुआ कि जब भी
जरुरत पड़ी मुझे हर शख्स मिला
पर जो भी मिला अपने मतलब से मिला
मतलबी लोग कभी किसी के
सगे नहीं हो सकते
ये जो चिंता हो रही हैं
इसका दाम बोलिए
अच्छा याद आई हैं मेरी
तो फिर काम बोलिए
आज गुमनाम हूँ तो
जरा फासला रख मुझसे
कल फिर मसहूर हो जाऊ तो
कोई रिश्ता निकाल लेना
Rishte-daaron Ke Liye Shayari
किसी को आदत बनाने में वक़्त नहीं लगता
लेकिन जब वो इंसान मतलबी हो जाता है
तो उससे भुलाने के लिए जिंदगी लग जाती है
औकात मेरी छोटी
लेकिन सपने बहुत बड़े थे
नज़र घुमा के देखा
मेरे अपने ही
दुश्मन बनकर खड़े थे
जिनको हम अपना जिगरी यार मानते है
वो सिर्फ हमे अपने मतलब के लिए पहचानते है
वो जो कहते थे की वक़्त ही वक़्त है तुम्हारे लिए
उनके पास आज सब के लिए वक़्त है हमारे सिवा
सिगरेट मत बनो की
इस्तेमाल के बाद फेक दिए जाओ
नशा बनो की तुम्हे इस्तेमाल करने
वाला तबाह हो जाये
मदद करने से मैं घबराने लगा हूँ
समझते हैं लोग मैं मतलबियों का सगा हूँ
हर शराबी आशिक नहीं होता
हर शायर दिवाना नहीं होता
फिर भी बदनाम है मोहब्बत
क्यों कि निभाने वाले वफादार नहीं होता
डूबे हुए को हमने बिठाया
था अपनी कश्ती में यारों
और फिर कश्ती का बोझ
कहकर हमें ही उतारा गया
मेरी दुनिया का हर शख्स मतलबी निकला
घर एक आईना था बस वही वफादार निकला
लोग एहसास का चेहरा कहाँ पहचानते हैं
सिर्फ़ लफ़्ज़ों के हवाले से हमें जानते हैं
Apni Matlab Ki Shayari
मैंने अपनी जिन्दगी में
सारे महंगे सबक
सस्ते लोगो से ही सीखे हैं
सब मतलब की यारी है
यही दुनिया की सबसे बड़ी बीमारी है
इन्सानो की इस दुनिया में बस यही तो एक रोना है
अपने जज्बात जज्बात हैं दूसरों के खिलोना है
मतलब की दुनिया में जिया नहीं जाता
बेवफाओं से इश्क़ अब किया नहीं जाता
शराब पी पी कर बहुत जी लिया
अब यह ज़हर के सहारे जिया नहीं जाता
लोग इतने बुरे नहीं होते हैं
मगर जब मतलब के नहीं होते
तब बुरे लगने लग जाते है
दो चेहरों का बोझ न उठाया कीजिये
दिल न मिले तो हाथ भी न मिलाया कीजिये
लोग बडे शौक से कहते हैं
कि कोई किसी का नही होता मगर
खुद से पूछना भूल जाते हैं खुद किसके हैं
मतलबी लोग कुछ
ऐसा हुनर रखते हैं
दिल मे जहर और
जुबान मे रस रखते हैं
Rishtedar Shayari

रिश्ते हैं तो जरूरत और मतलब के
रिश्ते हैं तो जरूरत और मतलब के
सचमें कोई किसी का वफादार नहीं
कौन कहता है की
पुतलो में जान नहीं होती
बस इंसान को इंसान की पहचान नहीं होती।
जाताना पड़ता है सबकुछ यहाँ
वर्ना किसी की भी इस दुनिया में
कदर नहीं
मतलबी लोग कभी किसी के,
सगे नहीं हो सकते।
दिल तो बहुत के टूटे मिलेंगे इस महेफिल में
अपना दर्द बयां करके आपका दर्द ना भुला दे तो कहना
किसी को आदत बनाने में वक़्त नहीं लगता
लेकिन जब वो इंसान मतलबी हो जाता है
तो उससे भुलाने के लिए जिंदगी लग जाती है
वो जो कहते थे की वक़्त ही वक़्त है तुम्हारे लिए
उनके पास आज सब के लिए वक़्त है
हमारे सिवा।
कहने को तोह अबहूत अपने होते हैं
लेकिन जब मन उदास होता है
तोह कोई पूछने भी नहीं आता।
अगर मगर और काश मैं हूं
मैं खुद भी अपनी तालाश में हूं
हर शराबी आशिक नहीं होता
हर शायर दिवाना नहीं होता
फिर भी बदनाम है मोहब्बत
क्यों कि निभाने वाले वफादार नहीं होता
दीवानों की महफिल थी वीरान कर गए
हस्ती खेलती ज़िंदगी थी शमशान कर गए
तेरे वफा को क्या नाम दो
इस आशियाने को क्या नाम दो
आ तू मिल ने किसी बहाने से
इस महोब्बत को एक नया नाम दो
लोग एहसास का चेहरा कहाँ पहचानते हैं
सिर्फ़ लफ़्ज़ों के हवाले से हमें जानते हैं
इन्सानो की इस दुनिया में बस यही तो एक रोना है
अपने जज्बात जज्बात हैं दूसरों के खिलोना है
जिस्म आयेगा किसी और के हिस्से में
दिल आज भी तेरी ही अमानत है
ज़िन्दगी ने मेरे दर्द का क्या खूब इलाज सुझाया
वक्त को दवा बताया ख्वाहिशों से परहेज़ बताया
Log Jhoothe Shayari
आरज़ू ना करते तेरी तो क्या करते
तुमने समेटे है बिखरे हुए जज़्बात मेरे
ये दिल नहीं है साहब
अधुरी हसरतों का यतीम खाना हैं
ये इश्क़ भी बड़ी नामुराद चीज़ है दोस्तों
उसी से होता है जो किसी और का होता है
दो चेहरों का बोझ न उठाया कीजिये,
दिल न मिले तो हाथ भी न मिलाया कीजिये
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खो कर मुझको वो खाक में
अब ख़ज़ाने तलाश करता है
ख़ामोशी से जब भर जाओगे
थोड़ा चीख़ लेना वरना मर जाओगे
ये ख़बर है कोई इत्तेफ़ाक़ नहीं
हम जैसा होना मज़ाक़ नहीं
एक उम्र गवां दी हमने चाहत में तेरी
बडे खुशनसीब होंगे तुझे मुफ्त में पाने वाले
बहुत गौर से देखने पर जिंदगी को जाना मैंने
दिल जैसा दुश्मन जमाने में नहीं मिलता
तुम्ही से सीखा है हुनर नजरअंदाजी का
अब अगर तुम पे आजमाऊ तो बेवफ़ा मत कहना
नफ़रत की एक बात बड़ी अच्छी होती हैं कि
यह मोहब्बत की तरह कभी झूठी नहीं होती
होने दो तमाशा मेरी भी ज़िन्दगी का
मैंने भी मेलों में ख़ूब तालियाँ बजाई हैं
बस वो मुस्कुराहट ही कहीं खो गई है
बाकी तो मैं भी बहुत खुश हूँ आजकल
ज़ुल्म करती है तेरी यादें मुझपर कसम से
सो जाऊ तो उठा देती है जाग जाऊ तो रुला देती है
तुम से दिल ऐसा लगा है केे अब कही और
दिल नहीं लगता मेरा
कमी तेरे नसीबों में रही होगी कि तू मेरी ना हुई
मैने तो कोशिश बहुत की तुझे अपना बनाने की
एक अजीब ही जंग है मुझमें
कोई मुझसे ही तंग है मुझमें
Rishte Shayari
दिल के जख्मों पर वो कूछ ऐसे नमक लगाते है
इश्क की बातें करके हमें दोस्त बुलाते है
तेरी ख़ामोशी ग़र तेरी मज़बूरी है
तो रहने दे इश्क़ भी कौन सा ज़रूरी है
मुस्कुरा तो हम सरेआम भी लेते हैं
अदब तो आँसुओं में है जो सिर्फ तन्हाइयों में आते हैं
तेरे नाम को मेरे नाम का सहारा चाहिए
समझ गये हो या कोई और इशारा चाहिए
बड़ा गजब किरदार है मोहब्बत का
अधूरी हो सकती है मगर खत्म नहीं
ख़र्च कर दिया ख़ुद को मैंने तेरी माँग सजाने में
दीवार खींच दी मज़हब की इस पढ़े लिखे ज़माने ने
बिख़री-बिख़री सी है हम दोनों की ये ज़िन्दगी
तुझे सुकून की चाहत है और मुझे तेरी
लेकर हाथों में हाथ उम्र भर का सौदा कर लें
थोड़ी मोहब्बत तुम करलो थोड़ी मोहब्बत हम कर लें
Best Rishte Matlabi Shayari
वरना मैं तो तुझे सिर्फ
महसूस कर के भी जी लेता हूं
जो कट रही है तेरे बगैर मेरी, मेरे बगैर तेरी
वो ज़िंदगी तो नहीं उम्र हो शायद
तुम पढ़ते हो मेरी शायरी
इसलिए तो लिख देता हूं
शायरी शौक़ नहीं ना ही है ये कारोबार मेरा
बस कुछ चुभता है, तो कुछ लिख देते हैं
नही चाहता बन्दगी करना मुझे रिश्तों में मत बांधो
एक आवारा सी मुस्कान हूँ बिना अरमान के ही मुस्कुराने दो
होता होगा तुम्हारी दुनियाँ में गहरा समंदर
हमारे यहाँ इश्क़ से गहरा कुछ भी नहीं
Kamine Saare Rishtedar Shayari
मोहब्बत बेमिसाल तब होती हैं जब,
चाहने वाला इज्जत बेशुमार करे
कभी हुआ जो उससे सामना तो कह देंगे
तुम देखो या ना देखो हम तुम्हे रोज देखा करते है
इस दुनिया में हर वो शक्स अकेला है
जिसने किसी को दिल से चाहा
पढ़ते रहते हैं कही उनकी खबर मिल जाए
लिखते रहते हैं ताकि उनको मेरी खबर मिल जाए
ना टूटने वाला वादा बनोगी क्या
इस जन्माष्टमी मेरी राधा बनोगी क्या
मुझे बहुत अच्छी लगी उसकी ये अदा
चार दिन इश्क़ मोहब्बत और फिर अलविदा
कैसे निभा दूं मैं हर किसी की उम्मीद को
मेरी खुद से भी कई उम्मीद पूरी नहीं हुई
मतलबी रिश्ते इमेजेज
कोई किस्मत वाला ले जायेगा तुम्हें
हम तो बस प्यार करते रह जाएंगे।
दिल कह रहा है तुजसे मोहब्बत का इज़हार कर लूं,
मन कह रहा है थोड़ा इंतज़ार और कर लूं
ना ढूंढ मेरा किरदार दुनिया की भीड़ में
वफ़ादार तो हमेशा तन्हा ही मिलते हैं
हम लड़के हैं हम अपने से पहले
अपनों की सोचते है
हम लड़के हैं जनाब बदनाम होते हैं
और दूसरों को बदनाम करने से
डर जाते हैं
Log Hote Hai Matlabi
हम किसी दुख देते नही हम दुख
अपने ऊपर जाते हैं
किसकी मोहब्बत को लिखते हो इतना डूबकर
एक जख्म और दे देती है वो यह पूछकर
मेरे शहर में हल्की हल्की बारिश हो रही है
जान तेरी याद दिलाने की ये साज़िश हो रही है
मतलब के रिश्ते नाते
आँसू तो आते हैं आँखो से गिरते नही हैं
रोना भी चाहता हूँ मगर, रोया भी नही जाता
नाराजगी को कुछ देर बाद मिटा दिया करो,
गलतियों पर बात करने से रिश्ते उलझ जाते हैं
जो जिंदगी बची है उसे मत गँवाईये,
बेहतर ये है कि आप उसे भूल जाइए
मोहब्बत करने वाले कम न होंगे
तेरी महफ़िल में लेकिन हम न होंगे
बताओ कहां सुखाऊ तुम्हारी इन यादों को
बरसात अंदर भी है और बाहर भी है
वो हाल भी ना पूछ सके, हमें बेहाल देखकर,
हम हाल भी ना बता सके, उसे खुशहाल देख कर
मेरे ख्यालों में आकर अब मेरी ख्वाहिश न बनो
मैं थक चुका हूँ इश्क़ में अब इश्क़ की आजमाइश न बनो
Dikhave Ke Saare Rishte
जो कुछ भी था सब कुछ खो चुका हूं मैं
कर के सबका भला अब बुरा हो चुका हूं मैं
प्रेम पूरा हो तो श्री राम जैसा हो
और अधूरा हो तो राधे श्याम जैसा हो
पढ़ लो दिल को दर्द के पहरे हटा दो ना
रुकूँ चलूँ टूट जाऊँ कोई तो रास्ता दिखा दो ना
तुम तो बस आने का दावा करो,
इंतज़ार तो मैं मरते दम तक करूंगा
हसरत भरी निगाह में आराम तक नहीं
तुम यूं बदल गए कि सलाम तक नहीं
हर किसी के हाथ बिक जाने को तैयार नहीं
ये मेरा दिल है,तेरे शहर का अखबार नही
“खुली” किताब थे हम
अफ़सोस अनपढ़ के हाथ में थे हम।
ये करते तो ऐसा होता,वो करते तो वैसा होता
अरे छोड़ो यार ! हम बदनसीब ही ठीक है
लाओ तुम्हारे हाथ में मैं मेरा नाम लिख दूँ
साथ साथ महेकती सारी सुबह लिख दूँ
तुम्हें अपना कहने की तमन्ना थी दिल में
लबों तक आते आते तुम ग़ैर हो गए
Matlab Shayari 2023
पहले थोड़ी कड़वी लगती है बाद में
सब को लुभा जाती है यह शराब भी इश्क
जैसी है जनाब अच्छे अच्छो को डुबा जाती है
तुम गए साथ में जीवन के सारे रंग ले गए
बस अब मौत का इंतजार है इस बैरंग सी जिंदगी को
कहते है हर चीज़ की एक इन्तेहा होती है
फिर ये मोहब्बत क्यूँ किसी से बेइन्तेहा होती है
टूटे हुए कांच की तरह चकनाचूर हो गए
किसी को लग ना जाए इसलिए सबसे दूर हो गए
बिछड़ने वाले तेरे लिए एक मशवरा है
कभी हमारा ख्याल आए तो अपना ‘ख्याल’ रखना
तेरे इश्क़ में मैं इस तरह नीलाम हो जाऊ
आख़री हो तेरी बोली और मैं तेरे नाम हो जाऊ
अधूरा सा इश्क़ हूं मैं, कोई मुकम्मल प्यार थोड़ी हूं
कॉमेडी ही होगी मेरी शायरी, मैं कोई
राहत या गुलज़ार थोड़ी हूं
मत कर कोशिशे मेरे अजीज मेरे दर्द को समझने की
तू इश्क कर फिर चोट खा फिर लिख दवा मेरे दर्द की
छोटी सी लिस्ट है मेरी ख़्वाहिशों की
पहले भी तुम और आख़िरी भी तुम
Matlabi Log
चलो जितना भी वक्त बचा है,उसकी एक दास्तां लिखते
वक्त को रोक कर ,तुझे हरवक्त लिखते है
मेरे अधूरे ख़्वाब की ताबीर हो तुम सिर्फ मेरी
सिर्फ मेरी ही जागीर हो तुम
लिख कर ग़म-ए-ज़िंदगी आधा कर रहा हूँ
दुनिया समझ रही है कि तमाशा कर रहा हूँ
जो कभी डरा नही तुम्हे खोने से
उसे क्या फर्क पड़ता है तुम्हारे होने न होने से
ना समझ है वो भी
मेरा बात नहीं समझेगा
मेरी जगह नहीं है ना
मेरे हालात नहीं समझेगा
इजाज़त तो उन्हें हमने भी नहीं दी
थी महोब्बत करने की
कमबख़्त यहाँ वो नज़रें मिलाते
गए वहाँ हम तबाह होते गए
आपकी आशिकी को अपनी कलम
से बयां ना कर दे तो कहना
हम आपको अपनी कलम की
आदत ना लगा दे तो कहना
हम जिसे भी दिल से चाहे वो हमसे दुर चले जाते हैं
चाहे वो जिंदगी हो मौत हो खुशी हो या अपने
Jhuthon Ke Liye Shayari
सच कहूं तो सच बोलना भी गुनाह हो गया है
इंसान को इंसान से ही नफरत बेपनाह हो गया ह
तकदीर ने चाहा जैसे ढल गये हम
बहुत संभल के चले फिर भी फिसल गये हम।
इतना भी मैं आम नहीं था तुम्हारी जिंदगी में
दिल मेरा टूटा है तो रोना तुम्हे भी आएगा
मैंने तमाम बुरे लम्हात अकेले गुजारे
मैं किसी का शुक्र गुजार नहीं हूँ
रात भर रिसता रहा आंखो से
नींदें हार गईं एक ख़्वाब के आगे
ग़म-ए-उल्फ़त क्या कहे कितने मेरे निकले
जरा से गुज़रे थे जो वो भी बेवफ़ा निकले
क्यूं एक दिल की दूसरे दिल को ख़बर ना हो
वो दर्द-ऐ-इश्क़ ही क्या जो इधर हो और उधर ना हो
दो चार लफ्ज़ प्यार के लेकर हम क्या करेंगे
देना है तो वफ़ा की मूकम्ममल किताब दे दो
आज आईना भी सवाल कर बैठा
तु किसके लिए अपना ये हाल कर बैठा
Khudgarz Matlabi Shayari
कौन कहता है की
पुतलो में जान नहीं होती
बस इंसान को इंसान की पहचान नहीं होती।
जाताना पड़ता है सबकुछ यहाँ
वर्ना किसी की भी इस दुनिया में
कदर नहीं
मतलबी लोग कभी किसी के,
सगे नहीं हो सकते।
दिल तो बहुत के टूटे मिलेंगे इस महेफिल में
अपना दर्द बयां करके आपका दर्द ना भुला दे तो कहना
किसी को आदत बनाने में वक़्त नहीं लगता
लेकिन जब वो इंसान मतलबी हो जाता है
तो उससे भुलाने के लिए जिंदगी लग जाती है
वो जो कहते थे की वक़्त ही वक़्त है तुम्हारे लिए
उनके पास आज सब के लिए वक़्त है
हमारे सिवा।
कहने को तोह अबहूत अपने होते हैं
लेकिन जब मन उदास होता है
तोह कोई पूछने भी नहीं आता।
अगर मगर और काश मैं हूं
मैं खुद भी अपनी तालाश में हूं
Bahut Matlabi Hote Hai Log
हर शराबी आशिक नहीं होता
हर शायर दिवाना नहीं होता
फिर भी बदनाम है मोहब्बत
क्यों कि निभाने वाले वफादार नहीं होता
दीवानों की महफिल थी वीरान कर गए
हस्ती खेलती ज़िंदगी थी शमशान कर गए
तेरे वफा को क्या नाम दो
इस आशियाने को क्या नाम दो
आ तू मिल ने किसी बहाने से
इस महोब्बत को एक नया नाम दो
लोग एहसास का चेहरा कहाँ पहचानते हैं
सिर्फ़ लफ़्ज़ों के हवाले से हमें जानते हैं
Also See
- Manzil Shayari
- Anchoring Shayari
- Pagal Shayari
- King Shayari
- Hanuman Ji Status
- Ishq Shayari Urdu
- Jokes Funny Shayari
- Diljale Shayari
- Nice Shayari
इन्सानो की इस दुनिया में बस यही तो एक रोना है
अपने जज्बात जज्बात हैं दूसरों के खिलोना है
जिस्म आयेगा किसी और के हिस्से में
दिल आज भी तेरी ही अमानत है
ज़िन्दगी ने मेरे दर्द का क्या खूब इलाज सुझाया
वक्त को दवा बताया ख्वाहिशों से परहेज़ बताया
आरज़ू ना करते तेरी तो क्या करते
तुमने समेटे है बिखरे हुए जज़्बात मेरे
ये दिल नहीं है साहब
अधुरी हसरतों का यतीम खाना हैं
ये इश्क़ भी बड़ी नामुराद चीज़ है दोस्तों
उसी से होता है जो किसी और का होता है
दो चेहरों का बोझ न उठाया कीजिये,
दिल न मिले तो हाथ भी न मिलाया कीजिये
जो जिंदगी बची है उसे मत गँवाईये,
बेहतर ये है कि आप उसे भूल जाइए
मोहब्बत करने वाले कम न होंगे
तेरी महफ़िल में लेकिन हम न होंगे
बताओ कहां सुखाऊ तुम्हारी इन यादों को
बरसात अंदर भी है और बाहर भी है
Jhute Log Status In Hindi
वो हाल भी ना पूछ सके, हमें बेहाल देखकर,
हम हाल भी ना बता सके, उसे खुशहाल देख कर
मेरे ख्यालों में आकर अब मेरी ख्वाहिश न बनो
मैं थक चुका हूँ इश्क़ में अब इश्क़ की आजमाइश न बनो
जो कुछ भी था सब कुछ खो चुका हूं मैं
कर के सबका भला अब बुरा हो चुका हूं मैं
प्रेम पूरा हो तो श्री राम जैसा हो
और अधूरा हो तो राधे श्याम जैसा हो
पढ़ लो दिल को दर्द के पहरे हटा दो ना
रुकूँ चलूँ टूट जाऊँ कोई तो रास्ता दिखा दो ना
तुम तो बस आने का दावा करो,
इंतज़ार तो मैं मरते दम तक करूंगा
हसरत भरी निगाह में आराम तक नहीं
तुम यूं बदल गए कि सलाम तक नहीं
हर किसी के हाथ बिक जाने को तैयार नहीं
ये मेरा दिल है,तेरे शहर का अखबार नही
“खुली” किताब थे हम
अफ़सोस अनपढ़ के हाथ में थे हम।
ये करते तो ऐसा होता,वो करते तो वैसा होता
अरे छोड़ो यार ! हम बदनसीब ही ठीक है
लाओ तुम्हारे हाथ में मैं मेरा नाम लिख दूँ
साथ साथ महेकती सारी सुबह लिख दूँ
तुम्हें अपना कहने की तमन्ना थी दिल में
लबों तक आते आते तुम ग़ैर हो गए
पहले थोड़ी कड़वी लगती है बाद में
सब को लुभा जाती है यह शराब भी इश्क
जैसी है जनाब अच्छे अच्छो को डुबा जाती है
Sab Rishte Matlabi Shayari
तुम गए साथ में जीवन के सारे रंग ले गए
बस अब मौत का इंतजार है इस बैरंग सी जिंदगी को
कहते है हर चीज़ की एक इन्तेहा होती है
फिर ये मोहब्बत क्यूँ किसी से बेइन्तेहा होती है
टूटे हुए कांच की तरह चकनाचूर हो गए
किसी को लग ना जाए इसलिए सबसे दूर हो गए
बिछड़ने वाले तेरे लिए एक मशवरा है
कभी हमारा ख्याल आए तो अपना ‘ख्याल’ रखना
तेरे इश्क़ में मैं इस तरह नीलाम हो जाऊ
आख़री हो तेरी बोली और मैं तेरे नाम हो जाऊ
अधूरा सा इश्क़ हूं मैं, कोई मुकम्मल प्यार थोड़ी हूं
कॉमेडी ही होगी मेरी शायरी, मैं कोई
राहत या गुलज़ार थोड़ी हूं
मत कर कोशिशे मेरे अजीज मेरे दर्द को समझने की
तू इश्क कर फिर चोट खा फिर लिख दवा मेरे दर्द की
छोटी सी लिस्ट है मेरी ख़्वाहिशों की
पहले भी तुम और आख़िरी भी तुम
चलो जितना भी वक्त बचा है,उसकी एक दास्तां लिखते
वक्त को रोक कर ,तुझे हरवक्त लिखते है
Matlabi Rishte Shayari In Hindi
मेरे अधूरे ख़्वाब की ताबीर हो तुम सिर्फ मेरी
सिर्फ मेरी ही जागीर हो तुम
लिख कर ग़म-ए-ज़िंदगी आधा कर रहा हूँ
दुनिया समझ रही है कि तमाशा कर रहा हूँ
जो कभी डरा नही तुम्हे खोने से
उसे क्या फर्क पड़ता है तुम्हारे होने न होने से
ना समझ है वो भी
मेरा बात नहीं समझेगा
मेरी जगह नहीं है ना
मेरे हालात नहीं समझेगा
इजाज़त तो उन्हें हमने भी नहीं दी
थी महोब्बत करने की
कमबख़्त यहाँ वो नज़रें मिलाते
गए वहाँ हम तबाह होते गए
आपकी आशिकी को अपनी कलम
से बयां ना कर दे तो कहना
हम आपको अपनी कलम की
आदत ना लगा दे तो कहना
हम जिसे भी दिल से चाहे वो हमसे दुर चले जाते हैं
चाहे वो जिंदगी हो मौत हो खुशी हो या अपने
सच कहूं तो सच बोलना भी गुनाह हो गया है
इंसान को इंसान से ही नफरत बेपनाह हो गया ह
Duniya Hai Matlabi Shayari
तकदीर ने चाहा जैसे ढल गये हम
बहुत संभल के चले फिर भी फिसल गये हम।
इतना भी मैं आम नहीं था तुम्हारी जिंदगी में
दिल मेरा टूटा है तो रोना तुम्हे भी आएगा
मैंने तमाम बुरे लम्हात अकेले गुजारे
मैं किसी का शुक्र गुजार नहीं हूँ
रात भर रिसता रहा आंखो से
नींदें हार गईं एक ख़्वाब के आगे
ग़म-ए-उल्फ़त क्या कहे कितने मेरे निकले
जरा से गुज़रे थे जो वो भी बेवफ़ा निकले
क्यूं एक दिल की दूसरे दिल को ख़बर ना हो
वो दर्द-ऐ-इश्क़ ही क्या जो इधर हो और उधर ना हो
दो चार लफ्ज़ प्यार के लेकर हम क्या करेंगे
देना है तो वफ़ा की मूकम्ममल किताब दे दो
आज आईना भी सवाल कर बैठा
तु किसके लिए अपना ये हाल कर बैठा