300+ Latest Family Matlabi Rishte Quotes 2023 [New]
Family Matlabi Rishte Quotes वहाँ से आते हैं जहाँ लोग अपने बच्चों को पराए बना देते हैं और अपने परिवार को बेच देते हैं। यह कोट्स हमें अपने परिवार के सदस्यों के साथ इस तरह के संबंध बनाने से बचने के लिए समझाते हैं जो समझदारी से और सम्मान के साथ बनाए जाने चाहिए।
एक शब्द जो हमेशा सुख दुख के समय हमारे साथ खड़ा होता है, वह है ‘परिवार’। परिवार हमारी ज़िन्दगी में सबसे महत्वपूर्ण होता है। हम सभी अपने परिवार से बहुत प्रेम करते हैं लेकिन कभी-कभी हमें यह महसूस होता है कि हमारे परिवार के सदस्यों में कुछ लोग हमारे साथ इतनी तरह के संबंध नहीं रखते जैसे हम सोचते हैं।
फैमिली मतलबी शायरी का shayari collection एक ऐसा मंच है जो हमें अपने परिवार के सदस्यों के साथ सही संबंध बनाने के लिए प्रेरित करता है। इन कोट्स में सम्मान और विश्वास की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। हमें इन कोट्स से यह सीख मिलती है कि हमें अपने परिवार के सदस्यों के साथ संबंध जबरदस्ती से नहीं बल्कि प्रेम और समझदारी से बंधन बनाने चाहिए।
हमें अपने परिवार को समझना चाहिए, उनकी भावनाओं को समझना चाहिए और समझदारी से उनकी जरूरतों को पूरा करने की कोशिश करनी चाहिए। Family Matlabi Rishte Quotes हमें इस बात का भी याद दिलाते हैं कि हमें अपने परिवार के साथ बिना किसी शर्त के प्रेम करना चाहिए।
इस shayari collection को पढ़ने से हमें अपने परिवार के महत्व का एक नया दृष्टिकोण मिलता है। यह हमें अपने परिवार के सदस्यों के साथ समझदारी और सम्मान से संबंध बनाने के लिए प्रेरित करता है।

जिनको हम अपना जिगरी यार मानते है
वो सिर्फ हमे अपने मतलब के लिए पहचानते है

आरज़ू ना करते तेरी तो क्या करते
तुमने समेटे है बिखरे हुए जज़्बात मेरे

वो जो कहते थे की वक़्त ही वक़्त है तुम्हारे लिए
उनके पास आज सब के लिए वक़्त है हमारे सिवा

सिगरेट मत बनो की
इस्तेमाल के बाद फेक दिए जाओ
नशा बनो की तुम्हे इस्तेमाल करने
वाला तबाह हो जाये

मदद करने से मैं घबराने लगा हूँ
समझते हैं लोग मैं मतलबियों का सगा हूँ

हर शराबी आशिक नहीं होता
हर शायर दिवाना नहीं होता
फिर भी बदनाम है मोहब्बत
क्यों कि निभाने वाले वफादार नहीं होता

डूबे हुए को हमने बिठाया
था अपनी कश्ती में यारों
और फिर कश्ती का बोझ
कहकर हमें ही उतारा गया

मेरी दुनिया का हर शख्स मतलबी निकला
घर एक आईना था बस वही वफादार निकला

लोग एहसास का चेहरा कहाँ पहचानते हैं
सिर्फ़ लफ़्ज़ों के हवाले से हमें जानते हैं

दो चेहरों का बोझ न उठाया कीजिये,
दिल न मिले तो हाथ भी न मिलाया कीजिये

खो कर मुझको वो खाक में
अब ख़ज़ाने तलाश करता है
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ख़ामोशी से जब भर जाओगे
थोड़ा चीख़ लेना वरना मर जाओगे
ये ख़बर है कोई इत्तेफ़ाक़ नहीं
हम जैसा होना मज़ाक़ नहीं
एक उम्र गवां दी हमने चाहत में तेरी
बडे खुशनसीब होंगे तुझे मुफ्त में पाने वाले
बहुत गौर से देखने पर जिंदगी को जाना मैंने
दिल जैसा दुश्मन जमाने में नहीं मिलता
तुम्ही से सीखा है हुनर नजरअंदाजी का
अब अगर तुम पे आजमाऊ तो बेवफ़ा मत कहना
नफ़रत की एक बात बड़ी अच्छी होती हैं कि
यह मोहब्बत की तरह कभी झूठी नहीं होती
आपकी आशिकी को अपनी कलम
से बयां ना कर दे तो कहना
हम आपको अपनी कलम की
आदत ना लगा दे तो कहना
हम जिसे भी दिल से चाहे वो हमसे दुर चले जाते हैं
चाहे वो जिंदगी हो मौत हो खुशी हो या अपने
सच कहूं तो सच बोलना भी गुनाह हो गया है
इंसान को इंसान से ही नफरत बेपनाह हो गया ह
हम जिसे भी दिल से चाहे वो हमसे दुर चले जाते हैं
चाहे वो जिंदगी हो मौत हो खुशी हो या अपने
Jhuthe Logo Ke Liye Shayari
नही चाहता बन्दगी करना मुझे रिश्तों में मत बांधो
एक आवारा सी मुस्कान हूँ बिना अरमान के ही मुस्कुराने दो
होता होगा तुम्हारी दुनियाँ में गहरा समंदर
हमारे यहाँ इश्क़ से गहरा कुछ भी नहीं
अगर मगर और काश मैं हूं
मैं खुद भी अपनी तालाश में हूं
हर शराबी आशिक नहीं होता
हर शायर दिवाना नहीं होता
फिर भी बदनाम है मोहब्बत
क्यों कि निभाने वाले वफादार नहीं होता
दीवानों की महफिल थी वीरान कर गए
हस्ती खेलती ज़िंदगी थी शमशान कर गए
तेरे वफा को क्या नाम दो
इस आशियाने को क्या नाम दो
आ तू मिल ने किसी बहाने से
इस महोब्बत को एक नया नाम दो
लोग एहसास का चेहरा कहाँ पहचानते हैं
सिर्फ़ लफ़्ज़ों के हवाले से हमें जानते हैं
इन्सानो की इस दुनिया में बस यही तो एक रोना है
अपने जज्बात जज्बात हैं दूसरों के खिलोना है
जिस्म आयेगा किसी और के हिस्से में
दिल आज भी तेरी ही अमानत है
ज़िन्दगी ने मेरे दर्द का क्या खूब इलाज सुझाया
वक्त को दवा बताया ख्वाहिशों से परहेज़ बताया
मोहब्बत बेमिसाल तब होती हैं जब,
चाहने वाला इज्जत बेशुमार करे
कभी हुआ जो उससे सामना तो कह देंगे
तुम देखो या ना देखो हम तुम्हे रोज देखा करते है
इस दुनिया में हर वो शक्स अकेला है
जिसने किसी को दिल से चाहा
पढ़ते रहते हैं कही उनकी खबर मिल जाए
लिखते रहते हैं ताकि उनको मेरी खबर मिल जाए
ना टूटने वाला वादा बनोगी क्या
इस जन्माष्टमी मेरी राधा बनोगी क्या
मुझे बहुत अच्छी लगी उसकी ये अदा
चार दिन इश्क़ मोहब्बत और फिर अलविदा
कैसे निभा दूं मैं हर किसी की उम्मीद को
मेरी खुद से भी कई उम्मीद पूरी नहीं हुई
मतलबी रिश्ते इमेजेज
कोई किस्मत वाला ले जायेगा तुम्हें
हम तो बस प्यार करते रह जाएंगे।
सच कहूं तो सच बोलना भी गुनाह हो गया है
इंसान को इंसान से ही नफरत बेपनाह हो गया ह
तकदीर ने चाहा जैसे ढल गये हम
बहुत संभल के चले फिर भी फिसल गये हम।
इतना भी मैं आम नहीं था तुम्हारी जिंदगी में
दिल मेरा टूटा है तो रोना तुम्हे भी आएगा
मैंने तमाम बुरे लम्हात अकेले गुजारे
मैं किसी का शुक्र गुजार नहीं हूँ
रात भर रिसता रहा आंखो से
नींदें हार गईं एक ख़्वाब के आगे
ग़म-ए-उल्फ़त क्या कहे कितने मेरे निकले
जरा से गुज़रे थे जो वो भी बेवफ़ा निकले
क्यूं एक दिल की दूसरे दिल को ख़बर ना हो
वो दर्द-ऐ-इश्क़ ही क्या जो इधर हो और उधर ना हो
दो चार लफ्ज़ प्यार के लेकर हम क्या करेंगे
देना है तो वफ़ा की मूकम्ममल किताब दे दो
आज आईना भी सवाल कर बैठा
तु किसके लिए अपना ये हाल कर बैठा
तकदीर ने चाहा जैसे ढल गये हम
बहुत संभल के चले फिर भी फिसल गये हम।
इतना भी मैं आम नहीं था तुम्हारी जिंदगी में
दिल मेरा टूटा है तो रोना तुम्हे भी आएगा
मैंने तमाम बुरे लम्हात अकेले गुजारे
मैं किसी का शुक्र गुजार नहीं हूँ
टूटे हुए कांच की तरह चकनाचूर हो गए
किसी को लग ना जाए इसलिए सबसे दूर हो गए
बिछड़ने वाले तेरे लिए एक मशवरा है
कभी हमारा ख्याल आए तो अपना ‘ख्याल’ रखना
तेरे इश्क़ में मैं इस तरह नीलाम हो जाऊ
आख़री हो तेरी बोली और मैं तेरे नाम हो जाऊ
ज़िन्दगी ने मेरे दर्द का क्या खूब इलाज सुझाया
वक्त को दवा बताया ख्वाहिशों से परहेज़ बताया
आरज़ू ना करते तेरी तो क्या करते
तुमने समेटे है बिखरे हुए जज़्बात मेरे
ये दिल नहीं है साहब
अधुरी हसरतों का यतीम खाना हैं
ये इश्क़ भी बड़ी नामुराद चीज़ है दोस्तों
उसी से होता है जो किसी और का होता है
ये करते तो ऐसा होता,वो करते तो वैसा होता
अरे छोड़ो यार ! हम बदनसीब ही ठीक है
लाओ तुम्हारे हाथ में मैं मेरा नाम लिख दूँ
साथ साथ महेकती सारी सुबह लिख दूँ
तुम्हें अपना कहने की तमन्ना थी दिल में
लबों तक आते आते तुम ग़ैर हो गए
दिल कह रहा है तुजसे मोहब्बत का इज़हार कर लूं,
मन कह रहा है थोड़ा इंतज़ार और कर लूं
ना ढूंढ मेरा किरदार दुनिया की भीड़ में
वफ़ादार तो हमेशा तन्हा ही मिलते हैं
हम लड़के हैं हम अपने से पहले
अपनों की सोचते है
हम लड़के हैं जनाब बदनाम होते हैं
और दूसरों को बदनाम करने से
डर जाते हैं
Family Matlabi Rishte Quotes
किसकी मोहब्बत को लिखते हो इतना डूबकर
एक जख्म और दे देती है वो यह पूछकर

मेरे शहर में हल्की हल्की बारिश हो रही है
जान तेरी याद दिलाने की ये साज़िश हो रही है
मतलब के रिश्ते नाते
आँसू तो आते हैं आँखो से गिरते नही हैं
रोना भी चाहता हूँ मगर, रोया भी नही जाता
नाराजगी को कुछ देर बाद मिटा दिया करो,
गलतियों पर बात करने से रिश्ते उलझ जाते हैं
बड़ा गजब किरदार है मोहब्बत का
अधूरी हो सकती है मगर खत्म नहीं
मैंने अपनी जिन्दगी में
सारे महंगे सबक
सस्ते लोगो से ही सीखे हैं
सब मतलब की यारी है
यही दुनिया की सबसे बड़ी बीमारी है
इन्सानो की इस दुनिया में बस यही तो एक रोना है
अपने जज्बात जज्बात हैं दूसरों के खिलोना है
मतलब की दुनिया में जिया नहीं जाता
बेवफाओं से इश्क़ अब किया नहीं जाता
शराब पी पी कर बहुत जी लिया
अब यह ज़हर के सहारे जिया नहीं जाता
लोग इतने बुरे नहीं होते हैं
मगर जब मतलब के नहीं होते
तब बुरे लगने लग जाते है
मतलबी रिश्तो की
बस इतनी सी कहानी है
अच्छे वक़्त में मेरी खूबियां और
बुरे वक़्त में मेरी कमियां गिननी है
कहते है की मतलब तो
इंसान के चेहरे पर
साफ दिख जाता है
लेकिन हम तो बस
सभी पर भरोसा करने की
गलती कर बैठते है
जो थोड़ी फुरसत मिले
दिल की बात कह दीजिये
बहुत खामोश रिश्ते
ज्यादा दिनों तक ज़िंदा नहीं रहते
मतलब बड़े भारी होते हैं
निकलते ही रिश्तों का
वज़न कम कर देते हैं
दो चेहरों का बोझ न उठाया कीजिये
दिल न मिले तो हाथ भी न मिलाया कीजिये
लोग बडे शौक से कहते हैं
कि कोई किसी का नही होता मगर
खुद से पूछना भूल जाते हैं खुद किसके हैं
मतलबी लोग कुछ
ऐसा हुनर रखते हैं
दिल मे जहर और
जुबान मे रस रखते हैं
ख़र्च कर दिया ख़ुद को मैंने तेरी माँग सजाने में
दीवार खींच दी मज़हब की इस पढ़े लिखे ज़माने ने
बिख़री-बिख़री सी है हम दोनों की ये ज़िन्दगी
तुझे सुकून की चाहत है और मुझे तेरी
लेकर हाथों में हाथ उम्र भर का सौदा कर लें
थोड़ी मोहब्बत तुम करलो थोड़ी मोहब्बत हम कर लें
वरना मैं तो तुझे सिर्फ
महसूस कर के भी जी लेता हूं
जो कट रही है तेरे बगैर मेरी, मेरे बगैर तेरी
वो ज़िंदगी तो नहीं उम्र हो शायद
तुम पढ़ते हो मेरी शायरी
इसलिए तो लिख देता हूं
शायरी शौक़ नहीं ना ही है ये कारोबार मेरा
बस कुछ चुभता है, तो कुछ लिख देते हैं
Matlabi Rishte Quotes
पहले थोड़ी कड़वी लगती है बाद में
सब को लुभा जाती है यह शराब भी इश्क
जैसी है जनाब अच्छे अच्छो को डुबा जाती है

तुम गए साथ में जीवन के सारे रंग ले गए
बस अब मौत का इंतजार है इस बैरंग सी जिंदगी को
कहते है हर चीज़ की एक इन्तेहा होती है
फिर ये मोहब्बत क्यूँ किसी से बेइन्तेहा होती है
टूटे हुए कांच की तरह चकनाचूर हो गए
किसी को लग ना जाए इसलिए सबसे दूर हो गए
बिछड़ने वाले तेरे लिए एक मशवरा है
कभी हमारा ख्याल आए तो अपना ‘ख्याल’ रखना
तेरे इश्क़ में मैं इस तरह नीलाम हो जाऊ
आख़री हो तेरी बोली और मैं तेरे नाम हो जाऊ
दो चेहरों का बोझ न उठाया कीजिये,
दिल न मिले तो हाथ भी न मिलाया कीजिये
जिस पर भरोसा होता है जब वहीं धोखा देता है
तो पूरी दुनिया मतलबी लगने लगती है
जिस पर भरोसा होता है जब वहीं धोखा देता है
तो पूरी दुनिया मतलबी लगने लगती है
कुछ यूँ हुआ कि जब भी
जरुरत पड़ी मुझे हर शख्स मिला
पर जो भी मिला अपने मतलब से मिला
मतलबी लोग कभी किसी के
सगे नहीं हो सकते
ये जो चिंता हो रही हैं
इसका दाम बोलिए
अच्छा याद आई हैं मेरी
तो फिर काम बोलिए
आज गुमनाम हूँ तो
जरा फासला रख मुझसे
कल फिर मसहूर हो जाऊ तो
कोई रिश्ता निकाल लेना
किसी को आदत बनाने में वक़्त नहीं लगता
लेकिन जब वो इंसान मतलबी हो जाता है
तो उससे भुलाने के लिए जिंदगी लग जाती है
औकात मेरी छोटी
लेकिन सपने बहुत बड़े थे
नज़र घुमा के देखा
मेरे अपने ही
दुश्मन बनकर खड़े थे
कुछ यूँ हुआ कि जब भी
जरुरत पड़ी मुझे हर शख्स मिला
पर जो भी मिला अपने मतलब से मिला
मतलबी लोग कभी किसी के
सगे नहीं हो सकते
ये जो चिंता हो रही हैं
इसका दाम बोलिए
अच्छा याद आई हैं मेरी
तो फिर काम बोलिए
आज गुमनाम हूँ तो
जरा फासला रख मुझसे
कल फिर मसहूर हो जाऊ तो
कोई रिश्ता निकाल लेना
किसी को आदत बनाने में वक़्त नहीं लगता
लेकिन जब वो इंसान मतलबी हो जाता है
तो उससे भुलाने के लिए जिंदगी लग जाती है
औकात मेरी छोटी
लेकिन सपने बहुत बड़े थे
नज़र घुमा के देखा
मेरे अपने ही
दुश्मन बनकर खड़े थे
Family Matlabi Rishte Shayari
जो जिंदगी बची है उसे मत गँवाईये,
बेहतर ये है कि आप उसे भूल जाइए
मोहब्बत करने वाले कम न होंगे
तेरी महफ़िल में लेकिन हम न होंगे
बताओ कहां सुखाऊ तुम्हारी इन यादों को
बरसात अंदर भी है और बाहर भी है
न परेशानियां न हालात
न ही कोई रोग है
जिन्होंने हमें सताया है
वो और कोई नहीं
अपने ही लोग हैं
कुछ रिश्तों में शक्कर की कमी थी
कुछ अंदर से हम भी कङवे थे
मतलबी दुनिया के झूठे फ़साने हे
लोग भी मक्कार और मतलबी ज़माने हे
पीड़ा ही मिलती कदम कदम यहाँ
जहाँ देखों भीड़ ही है मगर सब बेगाने हे
कोई नहीं किसी का यहाँ
सबको फायदे की लगी बीमारी है
लालच से चल रही ये दुनिया
सब मतलब की रिश्तेदारी है
इस दुनिया ने सिर्फ हमें मतलब के
लिए ही आज़माया है
मतलब निकल जाने के बाद
हमें अजनबी बनकर ठुकराया है
रिश्तों में कभी कभी हाथ छूङाने की
ज़रूरत नहीं पङती
लोग साथ रह कर भी बिछङ जाते हैं

मतलबी लोग भी ना जाने कैसे
अपना मतलब निकल लेते है
अक्सर अपने मतलब के लिए ये
खून के रिश्ते भी भुला देते है
ये झूठ है की इश्क में दिल टूट जाते हैं
लोग खुद टूट जाते हैं इश्क करते करते
रिश्ते की सिलाई
अगर भावना से हुई है
तो टूटना मुश्किल है
और अगर स्वार्थ से हुई है
तो टिकना मुश्किल है
वो हाल भी ना पूछ सके, हमें बेहाल देखकर,
हम हाल भी ना बता सके, उसे खुशहाल देख कर
मेरे ख्यालों में आकर अब मेरी ख्वाहिश न बनो
मैं थक चुका हूँ इश्क़ में अब इश्क़ की आजमाइश न बनो
Family Matlabi Rishte Quotes 2023
जो कुछ भी था सब कुछ खो चुका हूं मैं
कर के सबका भला अब बुरा हो चुका हूं मैं
होने दो तमाशा मेरी भी ज़िन्दगी का
मैंने भी मेलों में ख़ूब तालियाँ बजाई हैं
बस वो मुस्कुराहट ही कहीं खो गई है
बाकी तो मैं भी बहुत खुश हूँ आजकल
ज़ुल्म करती है तेरी यादें मुझपर कसम से
सो जाऊ तो उठा देती है जाग जाऊ तो रुला देती है
तुम से दिल ऐसा लगा है केे अब कही और
दिल नहीं लगता मेरा
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कमी तेरे नसीबों में रही होगी कि तू मेरी ना हुई
मैने तो कोशिश बहुत की तुझे अपना बनाने की
एक अजीब ही जंग है मुझमें
कोई मुझसे ही तंग है मुझमें
दिल के जख्मों पर वो कूछ ऐसे नमक लगाते है
इश्क की बातें करके हमें दोस्त बुलाते है
तेरी ख़ामोशी ग़र तेरी मज़बूरी है
तो रहने दे इश्क़ भी कौन सा ज़रूरी है
मतलबी लोगो की मीठी बातें ओह ये तो सिर्फ
एक दिखावा है चाहे आप भी उन्हें आजमालो
आपको भी धोखा मिलेगा ये मेरा दावा है
हम तो अकेले ही चलना
पसंद करते है साहब इन रास्तो पर
लेकिन न जाने मतलबी लोग
क्यों हमारी बाहे थाम लेते है
भुला देंगे तुम्हे भी
जरा सब्र तो कीजिए
आपकी तरह मतलबी होने में
जरा वक्त लगेगा
हम नही है गुनाहगार
हमारी फितरत के
बल्कि मतलबी लोग गुनाहगार है
खुद की मतलबी नियत के
मतलबी दुनिया में लोग खड़े हैं
हातो में पत्थर लेकर
मैं कहां तक भागू
शीशे का मुकद्दर लेकर
मुस्कुरा तो हम सरेआम भी लेते हैं
अदब तो आँसुओं में है जो सिर्फ तन्हाइयों में आते हैं
तेरे नाम को मेरे नाम का सहारा चाहिए
समझ गये हो या कोई और इशारा चाहिए
प्रेम पूरा हो तो श्री राम जैसा हो
और अधूरा हो तो राधे श्याम जैसा हो
पढ़ लो दिल को दर्द के पहरे हटा दो ना
रुकूँ चलूँ टूट जाऊँ कोई तो रास्ता दिखा दो ना
तुम तो बस आने का दावा करो,
इंतज़ार तो मैं मरते दम तक करूंगा
हसरत भरी निगाह में आराम तक नहीं
तुम यूं बदल गए कि सलाम तक नहीं
हर किसी के हाथ बिक जाने को तैयार नहीं
ये मेरा दिल है,तेरे शहर का अखबार नही
“खुली” किताब थे हम
अफ़सोस अनपढ़ के हाथ में थे हम।
जो जिंदगी बची है उसे मत गँवाईये,
बेहतर ये है कि आप उसे भूल जाइए
मोहब्बत करने वाले कम न होंगे
तेरी महफ़िल में लेकिन हम न होंगे
Best Matlabi Rishte Quotes
बताओ कहां सुखाऊ तुम्हारी इन यादों को
बरसात अंदर भी है और बाहर भी है

वो हाल भी ना पूछ सके, हमें बेहाल देखकर,
हम हाल भी ना बता सके, उसे खुशहाल देख कर
मेरे ख्यालों में आकर अब मेरी ख्वाहिश न बनो
मैं थक चुका हूँ इश्क़ में अब इश्क़ की आजमाइश न बनो
जो कुछ भी था सब कुछ खो चुका हूं मैं
कर के सबका भला अब बुरा हो चुका हूं मैं
अगर मगर और काश मैं हूं
मैं खुद भी अपनी तालाश में हूं
Log Bahut Matlabi Hote Hai
हर शराबी आशिक नहीं होता
हर शायर दिवाना नहीं होता
फिर भी बदनाम है मोहब्बत
क्यों कि निभाने वाले वफादार नहीं होता
दीवानों की महफिल थी वीरान कर गए
हस्ती खेलती ज़िंदगी थी शमशान कर गए
तेरे वफा को क्या नाम दो
इस आशियाने को क्या नाम दो
आ तू मिल ने किसी बहाने से
इस महोब्बत को एक नया नाम दो
लोग एहसास का चेहरा कहाँ पहचानते हैं
सिर्फ़ लफ़्ज़ों के हवाले से हमें जानते हैं
इन्सानो की इस दुनिया में बस यही तो एक रोना है
अपने जज्बात जज्बात हैं दूसरों के खिलोना है
जिस्म आयेगा किसी और के हिस्से में
दिल आज भी तेरी ही अमानत है
प्रेम पूरा हो तो श्री राम जैसा हो
और अधूरा हो तो राधे श्याम जैसा हो
पढ़ लो दिल को दर्द के पहरे हटा दो ना
रुकूँ चलूँ टूट जाऊँ कोई तो रास्ता दिखा दो ना
तुम तो बस आने का दावा करो,
इंतज़ार तो मैं मरते दम तक करूंगा
हसरत भरी निगाह में आराम तक नहीं
तुम यूं बदल गए कि सलाम तक नहीं
हर किसी के हाथ बिक जाने को तैयार नहीं
ये मेरा दिल है,तेरे शहर का अखबार नही
“खुली” किताब थे हम
अफ़सोस अनपढ़ के हाथ में थे हम।
ये करते तो ऐसा होता,वो करते तो वैसा होता
अरे छोड़ो यार ! हम बदनसीब ही ठीक है
लाओ तुम्हारे हाथ में मैं मेरा नाम लिख दूँ
साथ साथ महेकती सारी सुबह लिख दूँ
रिश्ते हैं तो जरूरत और मतलब के
रिश्ते हैं तो जरूरत और मतलब के
सचमें कोई किसी का वफादार नहीं
कौन कहता है की
पुतलो में जान नहीं होती
बस इंसान को इंसान की पहचान नहीं होती।
जाताना पड़ता है सबकुछ यहाँ
वर्ना किसी की भी इस दुनिया में
कदर नहीं
अधूरा सा इश्क़ हूं मैं, कोई मुकम्मल प्यार थोड़ी हूं
कॉमेडी ही होगी मेरी शायरी, मैं कोई
राहत या गुलज़ार थोड़ी हूं
मत कर कोशिशे मेरे अजीज मेरे दर्द को समझने की
तू इश्क कर फिर चोट खा फिर लिख दवा मेरे दर्द की
छोटी सी लिस्ट है मेरी ख़्वाहिशों की
पहले भी तुम और आख़िरी भी तुम
Matlabi Log Quotes
चलो जितना भी वक्त बचा है,उसकी एक दास्तां लिखते
वक्त को रोक कर ,तुझे हरवक्त लिखते है
मेरे अधूरे ख़्वाब की ताबीर हो तुम सिर्फ मेरी
सिर्फ मेरी ही जागीर हो तुम
लिख कर ग़म-ए-ज़िंदगी आधा कर रहा हूँ
दुनिया समझ रही है कि तमाशा कर रहा हूँ
जो कभी डरा नही तुम्हे खोने से
उसे क्या फर्क पड़ता है तुम्हारे होने न होने से
ना समझ है वो भी
मेरा बात नहीं समझेगा
मेरी जगह नहीं है ना
मेरे हालात नहीं समझेगा
इजाज़त तो उन्हें हमने भी नहीं दी
थी महोब्बत करने की
कमबख़्त यहाँ वो नज़रें मिलाते
गए वहाँ हम तबाह होते गए
आपकी आशिकी को अपनी कलम
से बयां ना कर दे तो कहना
हम आपको अपनी कलम की
आदत ना लगा दे तो कहना
मतलबी लोग कभी किसी के,
सगे नहीं हो सकते।
दिल तो बहुत के टूटे मिलेंगे इस महेफिल में
अपना दर्द बयां करके आपका दर्द ना भुला दे तो कहना
किसी को आदत बनाने में वक़्त नहीं लगता
लेकिन जब वो इंसान मतलबी हो जाता है
तो उससे भुलाने के लिए जिंदगी लग जाती है
वो जो कहते थे की वक़्त ही वक़्त है तुम्हारे लिए
उनके पास आज सब के लिए वक़्त है
हमारे सिवा।
कहने को तोह अबहूत अपने होते हैं
लेकिन जब मन उदास होता है
तोह कोई पूछने भी नहीं आता।
तुम्हें अपना कहने की तमन्ना थी दिल में
लबों तक आते आते तुम ग़ैर हो गए
पहले थोड़ी कड़वी लगती है बाद में
सब को लुभा जाती है यह शराब भी इश्क
जैसी है जनाब अच्छे अच्छो को डुबा जाती है
तुम गए साथ में जीवन के सारे रंग ले गए
बस अब मौत का इंतजार है इस बैरंग सी जिंदगी को
कहते है हर चीज़ की एक इन्तेहा होती है
फिर ये मोहब्बत क्यूँ किसी से बेइन्तेहा होती है
अधूरा सा इश्क़ हूं मैं, कोई मुकम्मल प्यार थोड़ी हूं
कॉमेडी ही होगी मेरी शायरी, मैं कोई
राहत या गुलज़ार थोड़ी हूं
मत कर कोशिशे मेरे अजीज मेरे दर्द को समझने की
तू इश्क कर फिर चोट खा फिर लिख दवा मेरे दर्द की
छोटी सी लिस्ट है मेरी ख़्वाहिशों की
पहले भी तुम और आख़िरी भी तुम
चलो जितना भी वक्त बचा है,उसकी एक दास्तां लिखते
वक्त को रोक कर ,तुझे हरवक्त लिखते है
मेरे अधूरे ख़्वाब की ताबीर हो तुम सिर्फ मेरी
सिर्फ मेरी ही जागीर हो तुम
लिख कर ग़म-ए-ज़िंदगी आधा कर रहा हूँ
दुनिया समझ रही है कि तमाशा कर रहा हूँ
जो कभी डरा नही तुम्हे खोने से
उसे क्या फर्क पड़ता है तुम्हारे होने न होने से
ना समझ है वो भी
मेरा बात नहीं समझेगा
मेरी जगह नहीं है ना
मेरे हालात नहीं समझेगा
इजाज़त तो उन्हें हमने भी नहीं दी
थी महोब्बत करने की
कमबख़्त यहाँ वो नज़रें मिलाते
गए वहाँ हम तबाह होते गए
रात भर रिसता रहा आंखो से
नींदें हार गईं एक ख़्वाब के आगे
ग़म-ए-उल्फ़त क्या कहे कितने मेरे निकले
जरा से गुज़रे थे जो वो भी बेवफ़ा निकले
रिश्ते हैं तो जरूरत और मतलब के
रिश्ते हैं तो जरूरत और मतलब के
सचमें कोई किसी का वफादार नहीं
कौन कहता है की
पुतलो में जान नहीं होती
बस इंसान को इंसान की पहचान नहीं होती।
जाताना पड़ता है सबकुछ यहाँ
वर्ना किसी की भी इस दुनिया में
कदर नहीं
मतलबी लोग कभी किसी के,
सगे नहीं हो सकते।
दिल तो बहुत के टूटे मिलेंगे इस महेफिल में
अपना दर्द बयां करके आपका दर्द ना भुला दे तो कहना
किसी को आदत बनाने में वक़्त नहीं लगता
लेकिन जब वो इंसान मतलबी हो जाता है
तो उससे भुलाने के लिए जिंदगी लग जाती है
वो जो कहते थे की वक़्त ही वक़्त है तुम्हारे लिए
उनके पास आज सब के लिए वक़्त है
हमारे सिवा।
कहने को तोह अबहूत अपने होते हैं
लेकिन जब मन उदास होता है
तोह कोई पूछने भी नहीं आता।
क्यूं एक दिल की दूसरे दिल को ख़बर ना हो
वो दर्द-ऐ-इश्क़ ही क्या जो इधर हो और उधर ना हो
दो चार लफ्ज़ प्यार के लेकर हम क्या करेंगे
देना है तो वफ़ा की मूकम्ममल किताब दे दो
आज आईना भी सवाल कर बैठा
तु किसके लिए अपना ये हाल कर बैठा
इस शायरी collection में हमने देखा कि कैसे फैमिली मतलबी होती है। इसमें लिखी गई शायरियां हमें इस बात का अंदाज़ा देती हैं कि फैमिली से संबंध बनाने के लिए सिर्फ रिश्तों से काम नहीं चलेगा। आपको समझदारी और सम्मान से उनकी जरूरतों को समझने की जरूरत होगी।
इसलिए, हम उम्मीद करते हैं कि आपको ये शायरियां पसंद आएंगी और आप अपने परिवार के सदस्यों के साथ समझदारी से संबंध बनाने की कोशिश करेंगे। आप अपनी राय अवश्य कमेंट्स के माध्यम से हमसे साझा करें।