Best Sukun Shayari in 2023 | [80+] Latest Sukun Shayari

Jeevan ki astvayastata aur uljhanon mein, sukoon aur shanti ke pal khojna sach mein ek vardaan hai. Aur kya behtar tarika hai is khoobsurat aur shaant anubhav ko mehsoos karne ka, poetry ke madhyam se! “Sukun Shayari” ek aisi poetry ka sangrah hai, jisme shaant aur sukh bhare palon ka saar chitrit kiya gaya hai.

Har koi jeevan mein chote bade pareshaniyon ka samna karta hai, jiski wajah se hamara man aur dimaag thak jata hai.

 Isi halchal aur bhag-daud mein bhi, jab ham khoobsurat aur shaant palon ko khojte hai, to vo pal sach mein hamein vardaan jaise lagte hai. 

Sukoon ki shayari aisi hi khoobsurat aur shaant palon ko chitrit karti hai.

Ye shayariyan aatma ko shanti aur dil ko sukh deti hai.

Sukun Shayari ke khoobsurat shabdon se hamara man khushi se bhar jata hai aur hamari soch saaf aur sahi tarike se kam karne lagti hai. 

Sukoon ki shayari ka prabhav itna hai ki hamari ghabrahat, pareshani aur tanav ko kam karke hamari jeevan mein sukh aur shaanti ka mahaul paida karti hai.

 

Sukun Shayari

जिनके अल्फाजो सेमिलता मुझको सुकून हैउसके इश्क से हीमेरी जिंदगी में जुनून है..!
कुछ इस तरहसुकून-ऐ-जिंदगीहासिल कर ली किसीको माफ कर दियाकिसी से नफरत कर ली..!

हम दिल में रहनाचाहते है तुम्हारेइसलिए तुम्हारीनजरो से दूर हो रहे है..!

Sukun Shayari in Hindi

चांद की रोशनीमें तूने बांधी हैमुझसे इश्क की डोरमेरा दिल खींचा चलाआ रहा है तेरी ओर..!

अंधेरा रोशनी केजुनून से जल रहा हैएक चिराग है जोसुकून से जल रहा है..!

नैनो से नैन मिलेखूबसूरत यह मुलाकात हुईऐसे ही तेरी मेरी जिंदगी मेंमोहब्बत की शुरुआत हुई..!

तेरी बाहों में मुझे सुकून के पल बिताने हैक्योकि वक्त के सितम बड़े ही अफ़साने है.!!

तेरी चाहत मुझे इस कदर भाने लगी हैतेरी बाहो में मुझे सुकून की नींद आने लगी है..!

छोटी सी जिंदगी कोकिस्तों में बांट लेती हूंऔरत हूं तकलीफ भीहंसकर काट देती हूं..!

ना करना जिंदगी मेंकभी किसी की निंदावरना बगैर सुकून केरहना पड़ेगा शर्मिदा..!

सुकून-ऐ-एहसासमोहब्बत जता जाती हैलगी जिससे लगन वोजिंदगी हसीन बन जाती है..!

करते रहना तुम अपनेहौसले की समीक्षा लेती हैजिंदगी हर परिस्थिति केसुकून की परीक्षा..!

ये तनहाइयां ना जानेमुझे कैसे एहसास दे गएतेरे प्यार के वादे मुझेजिंदगी में सुकून दे गए..!

किसी को खोकर पानादिल को सुकून मिलता हैकिसी को पाकर खो देनादिल में ज्वाला उठता है..!

तेरी यादो को अल्फाज बनाकर पत्रो में ऊकेरती हूंमुनाफा तो कुछ भी नही बससुकून के पल कमा जाती हूं..!

Sukun Shayari Two line

चांद की चाहत मेंचांदनी से बातेकितना सुकून देती हैतुमसे हमारी मुलाकाते..!

सुकून अगर जिंदगी मेंचाहते हो तो सफर तनहाई में करनामार देगा जो जिस पर मरोगेबेहतर है खुद पर ही मरना..!

मेरी मंजिल की राहो मेंतेरी मोहब्बत का सुकून हैतेरे साथ होने से ही मेरीजिंदगी में ये जुनून है..!

बहुत बड़ा है दुनियाका बाजार मगर यहांइक सुकून-ए-दिल कीदुकान नही मिलती..!

तुम्हारा ख्याल आना भीमुझे सुकून का पल दे जाता हैतेरी यादो के सहारे हीमै जिंदगी जीता जाता है..!

मेरे जिंदगी का सुकून हो तुमतेरी मोहब्बत का जुनून हूं मै..!

दौड़ रहा है इधर-उधरढूंढने सुकून के पलसुकून कही मिला नहीदौड़ के आराम कर..!

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वक्त से कह दो थोड़ीदेर के लिए यही ठहर जाएक्योकि बड़े अरसे बादआज मुझे सुकून मिला है..!

अंधेरो में मानो हल्कीसी रोशनी की तरह हो तुमजिंदगी में मेरे रोशनी तोनही पर सुकून बहुत मिलता है..!

दुआ बन कर मेरीजिंदगी में आई होमेरी वीरान पड़ी जिंदगी मेंतुम सुकून के पल लाई हो..!

खुद को मिटाने कीहरकत आजमा बैठी हूंदो पल सुकून के लिए जिंदगीकी चुनौतियो से लड़ने लगी हूं..!

ना किसी के लौटने की खुशीना किसी को खोने का गमये जख्म भरी जिंदगी मेंढूंढ रहे है सुकून के पल..!

Shayari on sukoon

मेरे प्यार को ठुकराके तनहा कर दियातुमने मुझे इस कदरसुकून की तलाश मेंघूम रहे हम अजनबीराहो में दरबदर..!

सुकून की तलाश मेंइश्क का गुनाह कियाजिसमे मुझे दिखा सुकूनवो शख्स ही कही खो गया..!

जिंदगी में अगर कुछबनना चाहते होतो पानी से भरा हुआगिलास मनो जो खाने केबाद सुकून से प्यास बुझाती हो..!

अमीर बनने की चाहत मेंखुद को जख्म देते गएदो पल के सुकून में जोरिश्ते दिल से थे वोहमसे दूर हो गए..!

सुनो ना यूं तो हमे हररोज हजारो के मैसेज आते हैपर तुम्हारे नाम के मैसेज सेहमे अलग ही सुकून मिलता है..!

यह टूटे दिल का हीगम-ए-दर्द है जनाबजो जख्म कुरे दना ही बना हैअब सुकून का दायरा..!

दिल को सुकून रूह को आराम आ गयामौत आ गई कि दोस्त का पैग़ाम आ गया

मंज़िल-ए-मकसूद पा के भी सुकूँ हासिल नहींआ गया मैं जिस जगह शायद मेरी मंज़िल नहीं
आसरा है कश्तियों को साहिल-ए- आबाद काक्या सफ़ीनें काम आये गर कोई साहिल नहीं
हौसले भी पस्त होते देखे हैं उनके यहाँकहते थे जो बारहा के ज़िन्दगी मुश्किल नहीं
घोटते हैं सब गला जब अपने अरमानों का याँकौन फिर दावा करे के अपना वो क़ातिल नहीं
पीठ पे खंज़र चुभो के इश्क़ में तू ख़ुश न होहोश खो बैठा मगर वो शख़्स है ग़ाफ़िल नहीं
खींचती है ख़ाक सबको बारहा अपनी तरफइसमे जब तक मिल न जाये आदमी कामिल नहीं
लाश अपनी सर पे रखकर फिर रहा हूँ दर ब दरमेरे जैसा दुनिया में होगा कोई हामिल नहीं
ढ़ूंढ़ना मुझको न यारो इस जहां की भीड़ मेंभीड़ का हिस्सा “अमन” हूँ भीड़ में शामिल नहीं

“ख़ुद के वास्ते क्या करूँ”
अब सुकून के वास्ते क्या करूँक्या ख़ुद ही ख़ुद को रिहा करोरातों में हो जाया करूँ ठंडाक्या मैं भी दिन को जला करूँकोई तो आया है आहट किसकी हैबताओ किससे मैं यह पता करूँमुझे बिगाड़ा गया है तबीयत सेकिसी का कैसे में क्या भला करूँसुना है नींद तक आते हैं ख़्वाबक्या मैं भी नींदों में चला करूँ

सितारों के पयाम आए बहारों के सलाम आएहज़ारों नामा-हा-ए-शौक़ अहल-ए-दिल के काम आए
न जाने कितनी नज़रें उस दिल-ए-वहशी पे पड़ती हैंहर इक को फ़िक्र है उस की ये शाहीं ज़ेर-ए-दाम आए
इसी उम्मीद में बेताबी-ए-जाँ बढ़ती जाती हैसुकून-ए-दिल जहाँ मुमकिन हो शायद वो मक़ाम आए
हमारी तिश्नगी बुझती नहीं शबनम के क़तरों सेजिसे साक़ी-गरी की शर्म हो आतिश-ब-जाम आए
कोई शायद हमारे दाग़-ए-दिल की तरह रौशन होहज़ारों आफ़्ताब इस शौक़ में बाला-ए-बाम आए
इन्हें राहों में शैख़-ओ-मुहतसिब हाइल रहे अक्सरइन्हें राहों में हूरान-ए-बहिश्ती के ख़ियाम आए
निगाहें मुंतज़िर हैं एक ख़ुर्शीद-ए-तमन्ना कीअभी तक जितने मेहर-ओ-माह आए ना-तमाम आए
ये आलम लज़्ज़त-ए-तख़्लीक़ का है रक़्स-ए-लाफ़ानीतसव्वुर-ख़ाना-ए-हैरत में लाखों सुब्ह-ओ-शाम आए
कोई ‘सरदार’ कब था इस से पहले तेरी महफ़िल मेंबहुत अहल-ए-सुख़न उठ्ठे बहुत अहल-ए-कलाम आए

सुकून ए क़ल्ब होता है मयस्सरतेरा जब नाम आता है लबों पर

तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगेमैं एक शाम चुरा लूं अगर बुरा न लगे
तुम्हारे बस में अगर हो तो भूल जाओ मुझेतुम्हें भुलाने में शायद मुझे ज़माना लगे
जो डूबना है तो इतने सुकून से डूबोकि आस-पास की लहरों को भी पता न लगे
वो फूल जो मिरे दामन से हो गए मंसूबख़ुदा करे उन्हें बाज़ार की हवा न लगे
न जाने क्या है किसी की उदास आंखों मेंवो मुंह छुपा के भी जाए तो बेवफ़ा न लगे
तू इस तरह से मिरे साथ बेवफ़ाई करकि तेरे बाद मुझे कोई बेवफ़ा न लगे
तुम आंख मूंद के पी जाओ ज़िंदगी ‘क़ैसर’कि एक घूंट में मुमकिन है बद-मज़ा न लगे

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