Berukhi shayari in hindi 2023
Known for its wit and comedy, berukhi shayari is a form of Urdu poetry.
Irony and sarcasm are frequently expressed using it. The word “berukhi” is derived from the Persian word “berukh,” which means “shame.”
Please take a quick look at them if you’re interested. We included 2 line urdu shayari, Farewell Shayari, and many more types of collections that you might be looking for.
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aakhir kyon mujhe tum itna dard dete ho,jab bhi man mein aaye kyon rula dete ho,nigahe berukhi hai aur tikhe hai lafz,ye kaisi mohabbat hai jo tum mujhse karte ho…
आखिर क्यों मुझे तुम इतना दर्द देते हो,जब भी मन में आये क्यों रुला देते हो,निगाहें बेरुखी है और तीखे है लफ्ज,ये कैसी मोहब्बत है जो तुम मुझसे करते हो…
teri berukhi ko bhi rutba diya hamne,pyar ka har farz ada kiya hamne,mat soch ki ham bhul gaye hai tujhe,aaj bhi khuda se pahle tujhe yaad kiya hamne…
तेरी बेरुखी को भी रुतबा दिया हमने,प्यार का हर फ़र्ज़ अदा किया हमने,मत सोच कि हम भूल गए है तुझे,आज भी खुदा से पहले तुझे याद किया हमने…
wafa ke badle bewafai na diya karo,meri ummid thukra kar inkar na kiya karo,teri mohabbat mein ham sab kuch kho baithe,jaan chali jayegi imtihan na liya karo…
वफ़ा के बदले बेवफाई ना दिया करो,मेरी उम्मीद ठुकरा कर इंकार ना किया करो,तेरी मोहब्बत में हम सब कुछ खो बैठे,जान चली जायेगी इम्तिहान ना लिया करो…
Berukhi Shayari
teri berukhi ko bhi rutba diya hamne,pyar ka har farz ada kiya hamne,mat soch ki ham bhul gaye hai tujhe,aaj bhi khuda se pahle tujhe yaad kiya hamne…
तेरी बेरुखी को भी रुतबा दिया हमने,प्यार का हर फ़र्ज़ अदा किया हमने,मत सोच कि हम भूल गए है तुझे,आज भी खुदा से पहले तुझे याद किया हमने…
wafa ke badle bewafai na diya karo,meri ummid thukra kar inkar na kiya karo,teri mohabbat mein ham sab kuch kho baithe,jaan chali jayegi imtihan na liya karo…
वफ़ा के बदले बेवफाई ना दिया करो,मेरी उम्मीद ठुकरा कर इंकार ना किया करो,तेरी मोहब्बत में हम सब कुछ खो बैठे,जान चली जायेगी इम्तिहान ना लिया करो…
dil todkar hamara tumko rahat na milegi,hamare jaisi tumko chahat na milegi,yu itni berukhi na dikhaya karo hamse,warna kabhi hamari aahat bhi na milegi…
दिल तोड़कर हमारा तुमको राहत ना मिलेगी,हमारे जैसी तुमको चाहत ना मिलेगी,यूँ इतनी बेरुखी ना दिखाया करो हमसे,वरना कभी हमारी आहट भी ना मिलेगी…
pyas wo dil ki bujhane kabhi aaya bhi nahi,kaisa badal hai jiska koi saya bhi nahi,berukhi isse badi aur bhala kya hogi,ek muddat se hame us ne sataya bhi nahi…
प्यास वो दिल कि बुझाने कभी आया भी नहीं,कैसा बादल है जिसका कोई साया भी नहीं,बेरुखी इससे बड़ी और भला क्या होगी,एक मुद्दत से हमें उस ने सताया भी नहीं…
Best Berukhi Shayari in 2023
बेरुखी को उनकी अदाओ में देखा
नफरत को मोहब्बत की आँखों में देखा
आँखे नम हुई और में रो पड़ा
जब अपनों को गैरो की बाहो में देखा।
वो हमें भुलाते गए और हम सिमटते गए उनमे
हम मरते गए उनकी बेरुखी से और वो
हमे आजमाते गए।
में थोड़ा पि लेता हु उनकी बेरुखी
को भुलाने के लिए
न जी पाऊ भी अगर तो थोड़ा मर के
भी में जी लेता हु।
हम ने आज कल के लोगो में
ऐसी बेरुखी भी देखि हे
आप से तुम तक तुम से आज तक
जान से अनजान तक हो जाते हे।
गुरुर अच्छा नहीं होता शोहरत अच्छा नहीं होता
अपनों से बेरुखी से पेश आना हुजूर
अच्छा नहीं होता।
हम तन्हा हे तुम्हारे होते हुए भी
इससे बढ़कर क्या सुबूत होगा
तुम्हारी बेरुखी का।
मुझे हर बार इस बात का पता देती हे
उनकी बेरुखी
थी कभी उसे भी मोहब्बत ये हक
जता देती हे।
उनकी बेरुखी का यारो अब
गिला क्या करना
दिल ही तो हे भर गया होगा।
तुझे इस बेरुखी से क्यों तकलीफ
होती हे
तुम्ही ने तो सिखाया हे की दिल
कैसे जलाते हे।
नजर अंदाज नहीं किया कभी
मोहब्बत हे तुमसे इसलिए
वरना बेरुखी तुमसे कही बहेतर
जनता हु में।
मेरे महबूब सा हे इन बदलो का मिजाज
कभी टूटकर बरसते हे
कभी बेरुखी से गुजर जाते हे।
ये ही अंजाम होगा तेरी बेरुखी का
एक दिन
आखिर भुला ही देंगे तुझे याद
करते करते।
जालिम ज़माने ने सीखा दी बेरुखी
तुम्हे की तुम जो सिख लेते हो
वो हम पर आजमाते हो।
कमजोर ही रहने दो अभी
कमजोर हु तो
यु बेरुखी से तो में भी पथ्थर
हो जाऊंगा।
अब ये दिल दुखता नहीं तेरी बेरुखी से
मुझे आदत सी हे प्यार
वाला कोई मिलता नहीं।
बेक़रार दिल को और भी बेक़रार करती हे
ये बेरुखी प्यार की अदाए
हसरतो के दिप जल तो रहे हे मचलने को रौशनी
तेरा इंतजार करती हे।
बेवजह बेरुखी ना किया कर बेखबर
कोई टूट जाता हे तेरा लहजा
बदलने से।
बात तक नहीं करते ऐसी भी क्या
बेरुखी हे
आँखे दो चार करके इजहार नहीं करते।
खुद से भी बेरुखी सी हो गई हे
तुम्हारी बेरुखी के बाद
में मंजिल से और जिंदगी मुझसे
अजनबी सी हो गई हे।
बेरुखी की आज हमने इंतहा देखि हे
हमपे नजर पड़ी तो वो महफ़िल
से उठ गए।
हम भी सोचते हे बेरुखी
करना सिख ले
हमने अपनी कदर खो दी हे
हर एक को मोहब्बत देते देते।
इस कदर बढ़ गई हे हमारी बेरुखी अब
तुमसे बात तो मुमकिन हे
पर हम कोशिश नहीं करना चाहते।
आखिर दूर यु हमसे कब तक रह पाओगे
मिलना पड़ेगा आखिर कभी जरूर हमसे
नजरे चुराने वाले ये बेरुखी कैसी
कह दो अगर हुआ हे कोई कसूर हमसे।
आपकी बेरुखी हमें खामोश
कर गई
अब तो उल्फ़ाज भी ख़ामोशी में
तब्दील हो गए।
ए दिल उनकी बेरुखी पे उदास
क्यों होता हे
वो तो बड़े लोग हे अपनी मर्जी
से याद करते हे।
जख्मो पर नमक भी छिड़क कर देखा
तेरी बेरुखी ज्यादा दर्द देती हे।
कैसा बादल हे जिसका कोई साया भी नहीं
प्यास वो दिल की कभी बुझाने आया भी नहीं
बेरुखी इससे बड़ी भला क्या होंगी
एक मद्त से हमें उसने सताया भी नहीं।
मुझे लगा
तेरी बेरुखी ने ये समझा दिया
में झूठी आस में हु।
तुम भले ही बदल जाओ मगर
इतना याद रखना
कही पछतावा ना बन जाये हमसे
बेरुखी इतनी।
तेरी बेरुखी ही सही सुकून
ए दिल को नसीब
हमारे दरमियाँ कुछ तो रहेंगा
चाहे वो फासला ही सही।
इस दिल की तड़प को काश वो समझते
तो यु हमें रुसवा न किया होता
उनकी ये बेरुखी भी मंजूर थी हमें
बस एक बार हमें समझ लिया होता।
कहाँ तलाश करोगे तुम दिल हम जैसा..,जो तुम्हारी बेरुखी भी सहे और प्यार भी करे…!!
सालभर….तेरी बेरूखी से कत्ल होते रहे हैं हम,अब तो तहरीरें बन गई है…उदासियाँ गुजरे साल की।
बहुत बेरुखी से पेश आता है दिल खुद सेकि अब प्यार भरी बातों की आदत नहीं रही….!!
तेरी बेरुखी ने छीन ली हैशरारतें मेरी और लोग समझते हैंकि मैं सुधर गया हूँ ..!!
Latest Berukhi Shayaris 2023
तेरी दुनिया से जाऊंगा, तुझे मैं भूल जाऊंगातेरी हर कसमे वादों को, मैं खुद ही निभाऊंगा,
जो मेरी हो नहीं सकती, वो खुद की भी क्या होगीमेरी इस बेरुखी को, वो समझती भी क्या होगी,
अब शायद उसे किसी से मुहब्बत ज़ुरुर हो ।मैं छीन लाया हूँ उस से उम्र भर की बेरुख़ी
खड़ा किसी कोने पे देखता हूँ खुद को और सामने मेरे वो जमाना याद आता है,खोकर होश अपना जो देखा था हमने नजरे चुराकर,मौसम-ए-बेरुखी में भी उस क़यामत का मुस्कुराना याद आता है,सारा दिन जलते सूरज को हम डूबाते थे उस छिछली सी नदी के पानी में,भुला दिया शायद तुमने उसको भी मुझे तो आज भी वो ठिकाना याद आता है,
ये तेरी बेरुख़ी की हम से आदत ख़ास टूटेगी,कोई दरिया न ये समझे कि मेरी प्यास टूटेगी,तेरे वादे का तू जाने मेरा वो ही इरादा है,कि जिस दिन साँस टूटेगी उसी दिन आस टूटेगी.
हासिल-ए-इश्क़ के बारे में, सोंचता हूँ जब भी ; . तेरा मिलना याद आता है, तेरी बेरुखी नहीं !!.
तुम्हारी बेरुखी के बाद खुद से भी बेरुखी सी हो गई, मैं जिंदगी से और जिंदगी मुझसे अजनबी सी हो गई..
सुकून ए दिल को नसीब तेरी बेरुखी ही सही। हमारे दरमियाँ कुछ तो रहेगा चाहे वो फ़ासला ही सही!
तेरी ये बेरुखी किस काम की रह जायेगी…………….!! आगया जिस रोज़ अपने दिल को समझाना मुझे…….!!
तेरी सादगी का कमाल है मै इनायत समझ बैठा तेरी बेरुखी भी चुप सी है मै मुहब्बत समझ बैठा
मर तो जाता हूँ दुनिया की बेरुखी से दिन में रात को सोता हूँ तो कल की उम्मीद जिला देती है
तूँ माने या ना माने पर दिल दुखा तो है , तेरी बेरुखी से कुछ गलत हुआ तो है
तू हमसे चाँद इतनी बेरुखी से बात करता है हम अपनी झील में एक चाँद उतरा छोड़ आए हैं ।
Berukhi Shayaris
सिखा दी बेरुखी भी ज़ालिम ज़माने ने तुम्हें, कि तुम जो सीख लेते हो हम पर आज़माते हो।
इन बादलो का मिजाज मेरे महबूब सा है, कभी टूट कर बरसते है कभी बेरुखी से गुजर जाते हैं
कुछ बेरुखी से ही सही, पर देखते तो हो ! ये आपकी नफरत है कि, एहसान आपका !
तेरी बेरुखी है तो क्या हुआ, तेरी यादों का रुख आज भी मेरी तरफ ही है ! जब भीे तन्हा देखती है मुझे …. अपना समझकर बहलाने चली आती है
Exaggeration and hyperbole are used by poets in berukhi shayaris to express their feelings towards a specific circumstance or someone.
Love, treachery, politics, and nature are just a few of the themes that may be found in berukhi shayari.
Depending on the poem’s tone, berukhi shayaris can be written in a casual or formal style.
In order to grab the reader’s attention and get their point across, poets also employ literary devices like metaphors, similes, puns, alliteration, and others.
To communicate emotions like love, rage, excitement, and grief, Berukhi shayaris is frequently utilised.
Berukhi shayari eloquently expresses passion, whether it be from a lover declaring their unwavering love or a friend wishing someone the best in life.
Famous poets like Mirza Ghalib and Faiz Ahmed Faiz have also utilised it.
Berukhi poetry is still well-liked nowadays.
In order to express themselves and communicate their emotions to others, many people write berukhi shayaris.
Additionally, it’s utilised to celebrate joyous events like weddings and anniversaries or to show support for those who are in need.
It has been used for ages, but berukhi shayari is a potent means of communication.
Aside from amusing readers with its wit and comedy, it is a great way to communicate one’s feelings and emotions.
The options are virtually unlimited with berukhi shayaris! Therefore, why not attempt berukhi shayaris? How much you’ll appreciate it will astound you!